वर्तमान में मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। हालांकि पूर्व में भी भाजपा की ही सरकार थी। लेकिन तब मुख्यमंत्री कोई और थे अब कोई और हैं। हालांकि वर्तमान मुख्यमंत्री एवं सरकार ने ज्यादातर नियमों एवं कायदों को पूर्व की सरकारों की भांति रखा है। लेकिन डॉ. मोहन यादव की सरकार पूर्व की सरकार के फैसले को बदलने जा रही है। जिसके बाद मध्य प्रदेश की राजनीति गर्म हो गई है। मंत्री ने प्रमुख सचिव को कानून का मसौदा बनाने का निर्देश भी दे दिया है।
दरअसल मध्य प्रदेश में 8500 अवैध कॉलोनियां है। जिन्हें वैध करने के लिए 2022 में शिवराज सिंह सरकार ने आदेश जारी किया था। जिसके लिए केवल नक्शा पास कराने की वाध्यता रखी गई है। दावा है कि 6000 कॉलोनियों को वैध भी किया जा चुका है। लेकिन वर्तमान सरकार ने शिवराज सिंह की सरकार के फैसले को बदलने का मन बना लिया है। कहा है कि अवैध कॉलोनियों को किसी भी कीमत पर वैध नहीं बनाया जाएगा। जिस इलाके में अवैध कॉलोनी होगी वहां के तहसीलदार एवं नगर निकाय के अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
यह बोले विभाग के मंत्री
डॉ. मोहन यादव की सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्रालय का कार्य सांसद से विधायक बने कैलाश विजयवर्गीय देख रहे हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी देते हुए बताया कि अवैध कॉलोनियों के निर्माण में केवल कॉलोनाइजर ही शामिल नहीं होते बल्कि इसमें अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भी प्रमुख भूमिका होती है। कानून का मसौदा बनाने के लिए प्रमुख सचिव को निर्देश दिया गया है। जल्द ही कानून लागू कर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
यह कहना है प्रमुख सचिव का
नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई का कहना है कि वर्तमान में जो व्यवस्था मध्य प्रदेश में लागू है उसके चलते अवैध रुप से कॉलोनी बनाने वाले कॉलोनाईजर पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती है। प्रभावी एवं कठोर कार्रवाई के अभाव में कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाता है। पुलिस केवल तहरीर लेने तक सीमित हो जाती है। नए कानून का मसौद तैयार किया जा रहा है। जिसके बाद प्रभावी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।