Budget 2025-26: नौकरीपेशा, किसान, महिलाएं और रेहड़ी-पटरी वाले, किसे क्या मिलेगा इस बजट में

Budget 2025-26
Budget 2025-26 । Image Source: Google

Budget 2025-26: भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट (Budget 2025-26) पेश करेंगी। हर बार की तरह इस बार भी देशभर के नागरिकों की उम्मीदें इस बजट से जुड़ी हुई हैं। कामकाजी वर्ग, घरेलू महिलाएं, किसान और रेहड़ी-पटरी वाले सभी सरकार से राहत की उम्मीद कर रहे हैं। आम जनता महंगाई पर काबू, करों में छूट और सरकारी योजनाओं के विस्तार की अपेक्षा कर रही है। खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों और क्रिप्टो करेंसी पर कर में राहत की आस है। आइए जानते हैं कि इस बजट से विभिन्न वर्गों की क्या-क्या उम्मीदें हैं।

Budget 2025-26: नौकरीपेशा लोगों की उम्मीदें

कामकाजी वर्ग को इस बार कर स्लैब में बदलाव की उम्मीद है। वे चाहते हैं कि सरकार कर मुक्त आय की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दे। मौजूदा व्यवस्था में पुरानी कर प्रणाली में 10 लाख रुपये से अधिक और नई कर प्रणाली में 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाता है। कर मुक्त सीमा में बढ़ोतरी से उनकी आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और वे अधिक बचत कर सकेंगे।

इसके अलावा, बढ़ती महंगाई को देखते हुए आम जनता को उम्मीद है कि सरकार ऐसे कदम उठाएगी जिससे रोजमर्रा की जरूरत की चीजें सस्ती हों। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी राहत की मांग की जा रही है। वर्तमान में धारा 80D के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50 हजार रुपये तक की बीमा छूट है, जिसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं आम नागरिकों के लिए इस सीमा को भी बढ़ाने की मांग है।

रोजगार के क्षेत्र में भी कामकाजी वर्ग को नई नौकरियों की उम्मीद है। बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार से रोजगार बढ़ाने वाले उपायों की अपेक्षा की जा रही है। कर विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार नई कर प्रणाली में घर खरीदने पर विशेष छूट की घोषणा कर सकती है जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किए जाने और निकासी को कर मुक्त बनाने की संभावना जताई जा रही है।

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महिलाओं की उम्मीदें

सरकार ने पिछले बजट में महिला सशक्तिकरण के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था, जिसे इस बार और बढ़ाए जाने की उम्मीद है। महिलाओं की पुरानी मांग ‘समान काम के लिए समान वेतन’ को लेकर भी लोग सरकार से ठोस कदम उठाने की अपेक्षा कर रहे हैं। खासकर, अकेली माताओं के लिए कार्यस्थल पर क्रेच की सुविधा की जरूरत महसूस की जा रही है जिससे वे कार्यस्थल पर सहज महसूस करें और आत्मनिर्भर बन सकें।

सरकार पहले से ही ‘मिशन शक्ति’, ‘मातृ वंदना योजना’ और ‘जननी सुरक्षा योजना’ जैसी योजनाएं चला रही है, जिनका बजट बढ़ाने की मांग हो रही है। महिलाओं को उम्मीद है कि सरकार उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखकर और अधिक योजनाएं लाएगी।

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किसानों की उम्मीदें

भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है, जिसमें करीब 45 प्रतिशत लोग कार्यरत हैं। पिछले बजट में सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसे इस बार बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है।

किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की राशि को 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 12 हजार रुपये किए जाने की मांग कर रहे हैं। बढ़ती उत्पादन लागत को देखते हुए यह वृद्धि किसानों के लिए सहायक सिद्ध होगी।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत अधिक फसलों को शामिल करने और कृषि ऋण सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने की संभावना है। साथ ही किसान फसल बीमा योजना के विस्तार की भी उम्मीद कर रहे हैं ताकि प्राकृतिक आपदाओं से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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रेहड़ी-पटरी वालों की उम्मीदें

छोटे व्यापारी और रेहड़ी-पटरी वाले भी इस बजट से कई उम्मीदें लगाए बैठे हैं। उन्हें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के विस्तार की उम्मीद है ताकि वे बिना गारंटी के लोन लेकर अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें। इसके अलावा वे सरकार से सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और बीमा कवरेज की उम्मीद कर रहे हैं।

बाजारों में स्वच्छता, बिजली, पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने की मांग भी की जा रही है ताकि उनका कार्य वातावरण सुधर सके। लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल बनाने और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण देने की भी जरूरत महसूस की जा रही है। इससे वे आधुनिक तकनीक का उपयोग कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं और अर्थव्यवस्था में बेहतर योगदान दे सकते हैं।

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