आचार्य चाणक्य भारतीय इतिहास के एक महान राजनीतिज्ञ, रणनीतिकार और कुशल अर्थशास्त्री थे। वे न केवल मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु थे, बल्कि उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर ‘चाणक्य नीति’ नामक ग्रंथ की रचना की थी। इस नीति ग्रंथ में उन्होंने राजनीति, समाज, अर्थव्यवस्था और व्यक्तिगत जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार प्रस्तुत किए हैं। उनकी बताई गई नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उनके समय में थीं।
जीवन में हर किसी की मदद करना सही नहीं
चाणक्य नीति का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत यह भी है कि जीवन में हर व्यक्ति की मदद करना हमेशा उचित नहीं होता। कई बार कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी सहायता करने से हमें ही नुकसान उठाना पड़ता है। आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसे व्यक्तियों के बारे में बताया है जिनकी मदद करने से बचना चाहिए, अन्यथा इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
इसे भी पढ़ें- डिलीवरी के बाद महिलाओं की याददाश्त गायब, MP के इस अस्पताल में हड़कंप
किन व्यक्तियों की मदद करने से बचना चाहिए?
1- लालची स्वभाव वाले लोग
चाणक्य के अनुसार, लालची व्यक्ति की सहायता करना खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे लोग केवल अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए किसी का भी उपयोग कर सकते हैं और अवसर मिलते ही धोखा देने से भी पीछे नहीं हटते। उनकी लालच प्रवृत्ति के कारण वे किसी भी हद तक जा सकते हैं और आपकी मदद से किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखना ही बुद्धिमानी है।
2- आलसी व्यक्ति
चाणक्य नीति के अनुसार, आलसी व्यक्तियों की मदद करना समाज और स्वयं के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे लोग समय पर कोई भी कार्य पूरा नहीं कर पाते और जब समय निकल जाता है, तब उनकी सहायता करना भी व्यर्थ हो जाता है। अगर किसी व्यक्ति में कर्मठता नहीं है तो उसकी सहायता करना सिर्फ समय और संसाधनों की बर्बादी होगी।
इसे भी पढ़ें- फ्री में शराब न देने पर सेल्समैन का अपहरण, पुलिस को सड़क किनारे पड़ा मिला
3- स्वार्थी मनुष्य
आज के समय में स्वार्थी लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। हर व्यक्ति किसी न किसी स्वार्थ की वजह से दूसरों से संबंध जोड़ता है। ऐसे में चाणक्य कहते हैं कि स्वार्थी लोगों की सहायता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जब उनका स्वार्थ पूरा हो जाएगा तो वे संबंध तोड़ने में देर नहीं करेंगे। ऐसे लोग अवसरवादी होते हैं और कठिन समय में आपका साथ छोड़ सकते हैं।
4- नशा करने वाले व्यक्ति
नशे की लत वाले व्यक्ति की मदद करना अपने आप में जोखिम भरा हो सकता है। चाणक्य नीति के अनुसार, नशे में डूबे व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होती है और वे कभी भी अनैतिक कार्य कर सकते हैं। ऐसे लोगों की सहायता करने से खुद को भी खतरे में डालने जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उनके गलत कार्यों का दुष्परिणाम अंततः आपको भी भुगतना पड़ सकता है।