नहीं आई जननी एक्सप्रेस, फिर हुआ कुछ ऐसा कि तालाब किनारे बन गया अस्थायी अस्पताल, जानिए पूरा मामला

Janani Express

प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही लोगों के लिए कभी-कभी परेशानी का सबब बन जाती है। जिसके कारण लोग असहज हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के थाना बुढेरा क्षेत्र से सामने आया है। जहां बुलाने के बाद दो घंटे तक जननी एक्सप्रेस के नहीं पहुंचने पर महिला का प्रसव ग्रामीण महिलाओं को खुले आसमान के नीचे कराना पडा। गनीमत है कि खुले आसमान के नीचे प्रसव होने के बाद भी जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

यह है पूरा मामला

दरअसल पूरा मामला मध्य प्रदेश के थाना बुढेरा के गांव नन्हीं टेहरी का है। नन्हीं टेहरी निवासी हर्बल रैकवार की बहू सीमा गर्भवती थी। उसे प्रसव पीडा हुई तो परिजनों ने मध्य प्रदेश में चलने वाली जननी एक्सप्रेस 108 एंबूलेंस को फोन लगाया। फोन लगाने के बाद परिजन 108 एंबूलेंस के आने का इंतजार करने लगे। इधर प्रसव पीडा बढ़ रही थी और उधर एंबूलेंस नहीं आ रही थी। दो घंटे के इंतजार के बाद परिजन पैदल हीं महिला को लेकर अस्पताल की ओर चल दिए।

रास्ते में हो गई डिलीवरी

108 एंबूलेंस का दो घंटे तक इंतजार करने के बाद पैदल ही गर्भवती महिला को लेकर अस्पताल जा रहे थे। इसी दौरान अचानक दर्द तेज होने लगा। मजबूरी खुले आसमान के नीचे तालाब के किनारे महिला का प्रसब कराना पडा। स्थानीय महिलाओं के प्रयास से प्रसव सकुशल होने पर लोगों ने राहत महसूस की। बाद में जच्चा एवं बच्चा को निकट के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसका उपचार चल रहा है।

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गांव की महिलाओं एवं परिजनों क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता रामा राजक को सूचना दी। सूचना मिलने पर वह भी मौके पर पहुंच गई। उन्होने अपने प्रयासों से प्रसव कराने में काफी मदद की। प्रसव होने के बाद उनके ही प्रयासों से 108 सरकारी एंबूलेंस पहुंची और महिला को सरकारी अस्पताल लेकर पहुंची। जहां उसका उपचार किया जा रहा है। परिजनों ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह से स्वस्थ है।

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