ग्वालियर शहर में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें साइबर अपराधियों की शातिर चालें सामने आईं। रीवा में तैनात हेड कांस्टेबल रामशरण जाटव को ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का डर दिखाकर ठगी का शिकार बनाने की कोशिश की। लेकिन परिवार और पड़ोसियों की समझदारी से वह बच गए।
मुंबई CBI अधिकारी बन ठगों ने रची साजिश
रामशरण जाटव को एक दिन अचानक एक फोन कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई CBI का अधिकारी बताया और कहा कि उनकी सिम का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए हुआ है। ठगों ने कहा कि इस मामले में उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। इसके बाद नरेश गोयल नामक व्यक्ति ने उन्हें राजेश मिश्रा नाम के एक और कथित CBI अधिकारी से बात करवाई। दोनों कथित अधिकारी वर्दी में थे और धमकी भरे लहजे में बात कर रहे थे।
छुट्टी लेकर घर पहुंचे रामशरण
ठगों की धमकी से डरे रामशरण ने छुट्टी ली और ग्वालियर स्थित अपने घर आ गए। उन्होंने खुद को कमरे में बंद कर लिया और किसी से कुछ नहीं कहा। उनकी चुप्पी और परेशानी से परिवार को शक हुआ।
लोन लेकर पैसे देने की तैयारी
रामशरण की पत्नी ने अपनी चिंता पड़ोसी उपेंद्र जाटव से साझा की। उपेंद्र ने जब रामशरण से बात की तो उन्हें ठगी का शक हुआ। उन्होंने रामशरण को समझाने की कोशिश की, लेकिन ठगों के दबाव में रामशरण 8 लाख रुपये देने की ज़िद पर अड़े रहे। पैसे न होने के कारण उन्होंने बैंक से लोन लेने की भी योजना बना ली थी।
पड़ोसी की सावधानी ने बचाया ठगी से
उपेंद्र ने रामशरण को बैंक जाने से रोका और उन्हें साइबर सेल ले गए। वहां अधिकारियों ने पूरी बात सुनने के बाद समझाया कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं होता। यह सिर्फ ठगों का डराने का तरीका है। पुलिस ने ठगों से कॉल पर बात की और असली पुलिस होने की जानकारी दी। ठगों ने स्थिति भांपते ही फोन काट दिया।
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पुलिस ने शुरू की जांच
रामशरण ने बताया कि वह लगातार पांच दिनों से ठगों की धमकियों के कारण मानसिक तनाव में थे। साइबर सेल ने उन्हें ठगी से बचाया और ग्वालियर पुलिस की मदद से उन्होंने ठगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है।
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क्या होता है डिजिटल अरेस्ट
डिजिटल अरेस्ट का मतलब किसी व्यक्ति के फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल बंद कर देना। ठग अक्सर इस तरीके का इस्तेमाल लोगों को डराने और उनसे पैसे ऐंठने के लिए करते हैं।
अनजान कॉल पर न करें विश्वास
यह मामला एक सबक है कि अनजान कॉल पर कभी भरोसा न करें। ठग बेहद चालाक होते हैं और किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं। अगर कोई आपसे पैसे मांगता है या धमकी देता है, तो तुरंत पुलिस की सहायता लें।