इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने मंगलवार को राजस्व विभाग के अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी सरकारी अधिकारी के कमरे में दलालों की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर किसी भी अधिकारी के दफ्तर में दलाल दिखाई दिया तो सीधे निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। यह बैठक कलेक्टर कार्यालय में आयोजित की गई थी, जिसमें अपर कलेक्टर, सीईओ, एसडीओ और तहसीलदारों सहित अन्य राजस्व अधिकारी मौजूद थे।
बिचौलियों के बिना आम जनता के कार्य पूरे करने के निर्देश
बैठक में कलेक्टर ने अधिकारियों को दो टूक शब्दों में कहा कि उन्हें यह शिकायत मिली है कि बिचौलियों के बिना सरकारी दफ्तरों में काम नहीं होता। यह स्थिति अस्वीकार्य है और इसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि आम जनता के कार्य बिना दलालों की सहायता के किए जाएं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को यह गलतफहमी है कि दलालों के माध्यम से काम जल्दी होता है तो यह पूरी तरह अनुचित है।
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जीरो टॉलरेंस नीति पर होगा सख्त अमल
कलेक्टर आशीष सिंह ने यह भी कहा कि वे बिचौलियों के पूरे नेटवर्क से परिचित हैं और जानते हैं कि कौन सा दलाल किस अधिकारी के कमरे में आता-जाता है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अब किसी भी दफ्तर में दलाल नहीं दिखना चाहिए। अगर किसी अधिकारी के खिलाफ इस तरह की शिकायत मिली, तो तुरंत कार्रवाई होगी। उन्होंने इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात दोहराई और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाएं।
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दलालों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
कलेक्टर ने अधिकारियों को यह भी समझाया कि अगर वे खुद दलालों को बढ़ावा नहीं देंगे तो वे खुद ही दफ्तरों में आना बंद कर देंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी अधिकारी के खिलाफ यह शिकायत मिलती है कि वह बिचौलियों को बढ़ावा दे रहा है तो उसके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने एसडीओ को निर्देश दिए कि वे राजस्व निरीक्षकों (आरआई) और पटवारियों पर कड़ी नजर रखें और सुनिश्चित करें कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा न दिया जाए।