मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण नीतियों को मंजूरी दी। इस बैठक में ‘मध्य प्रदेश सेमीकंडक्टर नीति 2025’, ‘मध्य प्रदेश ड्रोन प्रमोशन एंड यूटिलाइजेशन पॉलिसी-2025’ और ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-अर्बन 2.0’ जैसी योजनाओं को हरी झंडी मिली।
पांच साल में बनेंगे 10 लाख घर, खर्च होंगे 50,000 करोड़ रुपए
प्रधानमंत्री आवास योजना-अर्बन 2.0 के तहत शहरी क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर, निम्न और मध्यम आय वर्ग के पात्र परिवारों के लिए अगले पांच वर्षों में 10 लाख घर बनाए जाएंगे। इस योजना पर कुल 50,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। इसमें तीन प्रमुख श्रेणियां रखी गई हैं। पहली में लाभार्थी अपनी जमीन पर घर बना सकते हैं। दूसरी श्रेणी में अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (AHP) के तहत सरकार द्वारा बनाए गए घर पात्र लाभार्थियों को दिए जाएंगे। तीसरी श्रेणी इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम (ISS) के तहत बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन के माध्यम से पात्र परिवारों को होम लोन पर ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। खास बात यह है कि सरकार कामकाजी महिलाओं, छात्रों, औद्योगिक श्रमिकों, शहरी प्रवासियों और बेघर लोगों के लिए किराए के घरों की भी व्यवस्था करेगी।
सेमीकंडक्टर नीति-2025 से मध्य प्रदेश बनेगा टेक्नोलॉजी हब
कैबिनेट ने राज्य में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ‘मध्य प्रदेश सेमीकंडक्टर नीति-2025’ को मंजूरी दी है। यह नीति देश के अन्य राज्यों की नीतियों का गहन अध्ययन करने के बाद तैयार की गई है। इस नीति के तहत मध्य प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर निर्माण का हब बनाने की योजना है। राज्य में एक स्थायी इको-सिस्टम विकसित किया जाएगा, जिससे न केवल बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित होगा, बल्कि औद्योगिक विकास की दिशा में भी मध्य प्रदेश आगे बढ़ेगा।
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ड्रोन तकनीक को मिलेगा बढ़ावा, नई नीति लागू
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले मध्य प्रदेश कैबिनेट ने ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए ‘ड्रोन प्रमोशन एंड यूटिलाइजेशन पॉलिसी-2025’ को भी मंजूरी दी। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य को ड्रोन तकनीक में अग्रणी बनाना है। इससे कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में ड्रोन का प्रभावी उपयोग किया जा सकेगा। राज्य सरकार ड्रोन स्टार्टअप्स को भी प्रोत्साहित करेगी, जिससे इस क्षेत्र में निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
इंदौर में हुकुमचंद मिल की जमीन पर टाउनशिप बनेगी
कैबिनेट ने इंदौर में हुकुमचंद मिल की 17.52 हेक्टेयर जमीन पर एक आधुनिक टाउनशिप बनाने की मंजूरी दी। इसके लिए इंदौर नगर निगम, एमपी हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड और प्रमुख सचिव शहरी विकास और आवास के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। इस टाउनशिप में शॉपिंग मॉल, ऑफिस स्पेस, बाजार, आवासीय क्षेत्र और ग्रीन स्पेस विकसित किए जाएंगे। इस परियोजना में 5,100 करोड़ रुपए का निवेश होगा और इससे लगभग 10,000 नए रोजगार सृजित होंगे।
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पशु चिकित्सा छात्रों के स्टाइपेंड में बढ़ोतरी
राज्य सरकार ने पशु चिकित्सा छात्रों के लिए स्टाइपेंड बढ़ाने का भी फैसला किया है, जिससे इस क्षेत्र में अधिक युवाओं को आकर्षित किया जा सके। सरकार का यह कदम पशु चिकित्सा शिक्षा को मजबूती देने और कृषि एवं पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।