बुंदेलखंड के निवाड़ी जिले के चुरारी गांव में अंधविश्वास का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। यहां एक सांप के बिल से बाहर आने की घटना को देवी के चमत्कार से जोड़कर देखा जा रहा है। सांप को दूध पिलाने और मन्नत मांगने के लिए भारी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं। यह घटना एक बार फिर इस बात को उजागर करती है कि आजादी के 76 साल बाद भी अंधविश्वास इस क्षेत्र में गहराई से जड़ें जमाए हुए है।
गांव के पास स्थित सिद्ध बाबा की टोरिया, जो पहले से ही धार्मिक आस्था का केंद्र थी। अब सांप के निकलने के कारण लोगों के लिए एक चमत्कारिक स्थान बन गई है। गांव के निवासी धीरेंद्र सिंह ने बताया कि तीन दिन पहले इस स्थान पर एक सांप दिखा था। इसके बाद से वह सांप एक ही स्थान पर मौजूद है और समय-समय पर बिल से बाहर निकलता है। जैसे ही सांप बाहर आता है, लोग वहां दूध से भरे मिट्टी के बर्तन और कप रख देते हैं।
मन्नतें मांगने और भजन गाने पहुंचे लोग
सांप को चमत्कारी मानकर लोग नारियल फोड़ रहे हैं, अगरबत्ती जला रहे हैं और मन्नतें मांग रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना के वीडियो वायरल होने के बाद आसपास के गांवों से भी लोग इस स्थान पर पहुंचने लगे हैं। गांव में ढोलक और झाल की धुन पर बुंदेली भजन गाए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि यह कोई साधारण घटना नहीं है, बल्कि देवी का वरदान है।
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प्रशासन ने क्या कहा
इस अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली घटना के बारे में प्रशासनिक अधिकारियों की प्रतिक्रिया बेहद निराशाजनक रही। निवाड़ी के एसडीएम अनुराग से जब इस मामले पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है। उनका कहना था कि इस तरह के कार्यक्रम चलते रहते हैं और वह हर जगह निगरानी नहीं कर सकते। उन्होंने किसी ठोस कार्रवाई की बात करने के बजाय प्रमाण प्रस्तुत करने की मांग की।
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अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता की कमी
इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास और अशिक्षा अभी भी बड़ी समस्याएं हैं। सांप जैसी घटना को धार्मिक आस्था से जोड़कर देखना और उसे देवी का रूप मान लेना यह दर्शाता है कि वैज्ञानिक सोच और जागरूकता फैलाने की जरूरत कितनी अधिक है। प्रशासन की निष्क्रियता और समाज में फैली अशिक्षा ने इस समस्या को और गहरा दिया है।