प्रकृति ने महिला और पुरुषों को समान दिमाग, दिल और खूबसूरती प्रदान की है। लेकिन इसके बावजूद दोनों की लंबाई में अंतर साफ देखा जा सकता है। यह बात भी ध्यान देने वाली है कि बचपन में लड़के और लड़कियों का विकास समान होता है, लेकिन किशोरावस्था आते ही लड़कों की लंबाई तेज़ी से बढ़ने लगती है। यह प्रक्रिया केवल जैविक नहीं है, बल्कि इसके पीछे क्रमागत विकास और हार्मोन का भी अहम योगदान है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
जैविक और क्रमागत विकास का असर
डार्विन के प्राकृतिक चयन के सिद्धांत के अनुसार, जो जीव प्रकृति के अनुकूल होता है वह अपनी जरूरतों के अनुसार अपने आकार, रंग और रूप को विकसित करता है। शुरुआती दौर में जब मनुष्य शिकारी था तो पुरुषों का लंबा और ताकतवर होना जरूरी था ताकि वे शिकार कर सकें। इसी जरूरत के अनुसार पुरुषों का कद-काठी विकसित हुआ। यह प्रक्रिया पीढ़ी दर पीढ़ी जारी रही और आज के दौर में भी इसका प्रभाव देखा जा सकता है। हालांकि जैविक दृष्टि से देखें तो महिलाओं और पुरुषों की लंबाई को मुख्य रूप से हार्मोन नियंत्रित करते हैं।
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हार्मोन का प्रभाव
एक मीडिया हब से बात करते हुए मैक्स अस्पताल के पेडिएट्रिक्स एंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. गणेश जेवालिकर ने कहा, लड़कों और लड़कियों की लंबाई में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका हार्मोन की होती है। किशोरावस्था तक एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन दोनों में समान मात्रा में पाए जाते हैं। एस्ट्रोजन हार्मोन ग्रोथ हार्मोन और इंसुलिन जैसे तत्वों को प्रेरित करता है, जो लंबी हड्डियों का निर्माण करते हैं। इन हड्डियों की ग्रोथ प्लेट्स, जिन्हें मेटाफाइसिस कहते हैं, कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे तत्वों से जुड़कर लंबाई को बढ़ाती हैं।
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क्यों लड़कियों की हाइट कम होती है
डॉ. जेवालिकर बताते हैं कि महिलाओं में किशोरावस्था का विकास पुरुषों से पहले होता है। जब लड़कियों में प्यूबर्टी शुरू होती है तो एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर स्थिर होने लगता है। इसके परिणामस्वरूप ग्रोथ हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है और ग्रोथ प्लेट्स बंद हो जाती हैं। इसके बाद हड्डियों की लंबाई बढ़ना बंद हो जाती है। दूसरी तरफ पुरुषों में प्यूबर्टी देर से आती है, जिससे उनकी हड्डियां लंबी अवधि तक बढ़ती रहती हैं। यही कारण है कि पुरुषों की लंबाई महिलाओं की तुलना में अधिक होती है।
विज्ञान क्या कहता है
विज्ञान के अनुसार, लड़कियों में किशोरावस्था का विकास जल्दी होता है, जिससे उनका शारीरिक विकास जल्दी पूरा हो जाता है। महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर किशोरावस्था के बाद धीरे-धीरे कम होने लगता है। पीरियड्स के दौरान और उसके बाद यह स्तर और भी घटता है। वहीं पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर लंबे समय तक सक्रिय रहता है, जिससे उनकी लंबाई बढ़ने की प्रक्रिया अधिक समय तक जारी रहती है।